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लिंबोळ्या - प्रभो मी करीन स्फूर्तीने कूजन
’ लिंबोळ्या ’ या संग्रहातील कविता लिंबोळ्यांप्रमाणेच कडवट गोड आहेत. या कविता म्हणजे कवीच्या उच्च काव्यप्रतिभा आहेत.
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कूजन
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दाउफोरनि रैसुमै गाबनाय
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किलकिलाट
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கட்டை
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കളകൂജനം
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ਅੜੀਆਂ
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কুজন
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आँतर
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ଗୁଞ୍ଜନ
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ఆనకట్ట
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মাকু
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આંતર
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twitter
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chirp
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chirrup
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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चराको मधुर ध्वनि
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कूंजणें
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कुहुक
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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गुंजन
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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गुञ्जन
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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लिंबोळ्या - कळो वा न कळो तुझे ते गुपित !
’ लिंबोळ्या ’ या संग्रहातील कविता लिंबोळ्यांप्रमाणेच कडवट गोड आहेत. या कविता म्हणजे कवीच्या उच्च काव्यप्रतिभा आहेत.
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भजन - मधुवन्तीच्या स्वरास्वरा...
भजन - A bhajan or kirtan is a Hindu devotional song , often of ancient origin. Great importance is attributed to the singing of bhajans with Bhakti , i.e. loving devotion. "Rasanam Lakshanam Bhajanam" means the act by which we feel more closer to our inner self or God, is a bhajan. Acts which are done for the God is called bhajan.
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भक्तिगीते - माधुरी
गो.रं.आंबेकरांचा जन्म कर्नाटकातील कुनगोळ गावचा.
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कूज
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अवशेष
’कुसुमाग्रज’ या टोपणनावाने श्री. विष्णू वामन शिरवाडकर (१९१२-१९९९) यांनी मराठीत लेखन केले.
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वेदांत काव्यलहरी - स्त्री
सदर ग्रंथाची किंमत होती - जो जी देईल ती. सदर पुस्तकाबद्दल दैनिक सकाळ २६/०६/१९३८ चे अंकात अभिप्राय छापून आलेला आहे.
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पन्नास वर्षांनंतर
भा.रा.तांबे यांच्या कविता अत्यंत हळुवार असून त्या मनाला भिडतात
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संगीत गोरा कुंभार
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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श्रीदत्त भजन गाथा - सह्यवनश्री व देवांचा विलास
श्रीयुत विनायक वासुदेव साठे यांनी रचलेली श्रीदत्त भजन गाथा.
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संग्रह १४१ ते १६०
लहान लहान पण यमकबद्ध अशा वाक्यरचनेतून स्त्रिया आपल्या पतीचे नाव कुशलतेने गुंफून घेतात, त्या प्रकाराला उखाणा म्हणतात.
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सुमित्रानंदन पंत - स्वीट पी के प्रति
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सूर्यकांत त्रिपाठी ’निराला’ - प्रेयसी
सूर्यकांत त्रिपाठी की रचनाये मनको छू लेती है।
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अध्याय ७० वा - श्लोक १ ते ५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्रीकृष्ण कथामृत - अकरावा सर्ग
संतकवि श्रीगणुदास यांनी रचलेले श्रीकृष्ण - कथामृत अमृताची गोडी देते.
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स्कंध ११ वा - अध्याय ७ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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नासिकेतोपाख्यान - अध्याय ६
महीपति महाराजांनी कथन केलेली नासिकेत ग्रंथावली साधु तुकाराम महाराजांनी लिहून घेतली .
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श्रीकृष्ण कथामृत - सातवा सर्ग
संतकवि श्रीगणुदास यांनी रचलेले श्रीकृष्ण - कथामृत अमृताची गोडी देते.
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निरंजन माधव - उद्गार दुसरा
निरंजन माधवांच्या कवितेत काव्यस्फूर्ति उच्च दर्ज्याची असून भाषेत सरळपणा व प्रसाद सोज्वळ आहे.
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श्रीकृष्ण कथामृत - दहावा सर्ग
संतकवि श्रीगणुदास यांनी रचलेले श्रीकृष्ण - कथामृत अमृताची गोडी देते.
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श्रीनाथलीलामृत - अध्याय १ ला
नाथसंप्रदाय भारताच्या सांस्कृतिक इतिहासांत महनीय स्थान पावलेला संप्रदाय आहे.
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रसवहस्त्रोतस् - विधिभेदानें ज्वरभेद
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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